गांव वालों ने पलकों पर बिठाया, मौत का समाचार सूना तो हर आंख हुई नम

 सोजत रोड समीप रिसाणिया गांव की घर लौट रही छात्रा की हादसे में माैत:10वीं में 90% प्रतिशत अंक आए तो गांव वालों ने पलकों पर बिठाया, मौत का समाचार सूना तो हर आंख हुई नम



सोजत रोड के निकट स्थित रिसाणिया गांव निवासी 17 वर्षीय धनश्री जिसकी सड़क हादसे में मौत हो गई।
सोजत रोड थाना क्षेत्र के सोजतरोड-सवराड़ मार्ग पर मंगलवार सुबह करीब सवा सात बजे अज्ञात वाहन चालक ने स्कूटी सवार छात्रा को टक्कर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई।
जानकारी के अनुसार सोजतरोड के निकट स्थित रिसाणिया गांव निवासी 17 वर्षीय धनश्री पुत्री भगवतसिंह राजपूत 12वीं में पढ़ती थी। हमेशा की तरह मंगलवार सुबह वह घर से सोजत रोड ट्यूशन पढ़ने के लिए सुबह छह बजे रवाना हुई। ट्यूशन पढ़कर वापस गांव की तरफ जा रही थी। इस दौरान बेरा ठिमड़ी के निकट अज्ञात वाहन चालक ने उसकी स्कूटी को चपेट में ले लिया। उपसरपंच सवराड़ भंवरलाल भायल को सूचना मिली तो वे ग्रामीणों के साथ मौके पर पहुंचे तथा घायल छात्रा को उपचार के लिए सोजत रोड अस्पताल ले गए। जहां जांच के बाद डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पढ़ाई में थी होशियार, ग्रामीणों ने किया था सम्मानित
उप सरपंच भंवरलाल भायल ने बताया कि धनश्री पढ़ाई में होशियार थी। 10वीं में उसे 90 प्रतिशत अंक प्राप्त हुए थे। स्कूल प्रबंधन ने घर आकर उसे सम्मानित किया था। तथा ग्रामीणों ने भी अपने स्तर पर इस होनहार बालिका का सम्मान किया था। 12वीं में उसने साइंस लेर रखी थी। सोजत रोड के सीनियर सैकेण्डरी स्कूल में पढ़ती थी। ट्यूशन के लिए वह रोजाना स्कूटी से सोजत रोड स्कूल व ट्यूशन पढ़ने जाती थी। मृतका के पिता की मारवाड़ जंक्शन में ट्रूल पार्ट्स की दुकान हैं तथा मां इवनकंवर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं। तीन भाई बहनों में वह सबसे बड़ी थी।
परिजनों रो-रो कर हुआ बुरा हाल
होनहार बेटी की मौत का समाचार का समाचार सून परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल हो गया। उन्हें अब भी यकीन नहीं हो रहा कि उनकी लाडली अब इस दुनिया में नहीं हैं। मां इवन कंवर की आंखों से तो आंसू रूकने का नाम नहीं ले रहे थे। वही मृतका धनश्री के छोटेभाई-बहन करणवीरसिंह व कृष्णा कंवर भी रो-रो कर बेहाल हो रहे थे। वे बस अब यही बात कहते नजर आए कि अब उन्हें पढ़ाई नहीं करने पर कौन डांटेगा।
काश! हेलमेट पहना होता
हादसे में धनश्री के सिर में गंभीर चोट लगना उसकी मौत का कारण बना। उसने अगर हेलमेट पहना होता तो शायद आज वह जिंदा होती। पुलिस-प्रशासन भी बार-बार जागरूकता अभियान चलाकर दुपहिया वाहन चलाते समय हेलमेट के उपयोग की सलाह देते हैं लेकिन हकीकत यह हैं कि जिले में 10 प्रतिशत से भी कम लोग हेलमेट का उपयोग करते हैं। जो सड़क हादसे में उनकी मौत का कारण बनता हैं |



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